आईना जो कहता है हम उससे मान लिया करते है
आईने के जरिए हम खुद को पहचान लिया करते है
जो होती है कोई कमी तो वो कह देता है मुझे बुरा
और हम चुपचाप खुद को बुरा मान लिया करते है
अब कहा मंदिर-मस्जिद में जाए हम खुदा को ढूंढने
हम इसे ही समझ खुदा माफी मांग लिया करते है